
विशेष प्रतिनिधी गया बिहार – महाबोधी महाविहार मुक्ती आंदोलन मे बिहार के कई जिला के लोंग बड़ी संख्या मे सहभाग ले रहे है। गया मे जो जन आंदोलन चालू है उसमे भिम आर्मी के कार्यकर्ता बड़ी जोरशोर हिस्सा लेने लगी है । सम्राट अशोक जयंती के उपलक्ष्य मे सुबोध कुमार ने बिहार राज्य सरकार से विनम्रतापूर्वक अनुरोध किया है। , कि वे बोधगया टेम्पल को पूर्ण प्रबंधन के लिए बौद्धों को सौंप दें। , और बौद्ध समुदाय को बौद्ध पवित्र स्थानों का निर्माण करने दें और बौद्धों को बुद्ध की दया का बदला चुकाने का मौका दें।
आपको बौद्ध धर्म को धमकाना नहीं चाहिए और वास्तव में शर्मिंदा होना चाहिए और पश्चाताप करना चाहिए। आपने इतने सालों तक इस स्थान को नियंत्रित किया है, लेकिन इतने सालों में कोई बड़ा विकास नहीं हुआ है। कोई धर्म प्रचार समारोह या बौद्ध व्याख्यान कक्ष नहीं हुए हैं, और ना ही आपने शाक्यमुनि बुद्ध के नाम पर बौद्ध कॉलेज या अस्पताल बनाया है। पुण्य का पैसा कहां गया? पूरी दुनिया जानती है कि बोधगया मन्दिर वह स्थान है जहां बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था और यह दुनिया भर के बौद्धों द्वारा पूजनीय पवित्र स्थान है। दुनिया भर के लोग चौड़ी आँखों से देखते हैं। आप जो भी धर्म का पालन करना चाहते हैं, उसके लिए स्वतंत्र हैं। लेकिन भारत में बौद्ध धर्म को फिर कभी नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। हम सभी भारतीय लोगों के लिए बहुत बड़ा नुकसान होगा। क्यों? क्योंकि बुद्ध की शिक्षाएँ लोगों को अच्छा करने की ऊर्जा देती हैं। यह वह शिक्षा है जो सभी मानव जाति को दुख से मुक्ति और खुशी प्राप्त करने में मदद कर सकती है।

यह सकारात्मक शिक्षा है, सकारात्मक ऊर्जा से भरी शिक्षा। क्योंकि बुद्ध एक शिक्षक, एक वैज्ञानिक, एक दार्शनिक, एक परोपकारी और एक सांस्कृतिक व्यक्ति थे। भारत में बौद्ध धर्म को नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। बुद्ध ने भारत में ज्ञान प्राप्त किया, भारत में उनचालिस वर्षों तक प्रचार किया और भारत में ही निर्वाण प्राप्त किया। यदि भारत सरकार बौद्ध पवित्र स्थलों को छूने की हिम्मत करती है, तो दुनिया भर के लोग उनकी मूर्खता और अज्ञानता पर हंसेंगे, क्योंकि दुनिया भर के लोग भारत में बुद्ध के आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करने आते हैं।, भारत को और कोई भगवान की पहचान दुनिया मे नही है, क्योंकि दुनिया भर के लोग मानते हैं कि पूरा भारत ही वह पवित्र स्थान है जहाँ महान शाक्यमुनि बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। वे अपने घरों को सजाने के लिए भारत बोध गया से रेत,मिट्टी और छोटे छोटे पत्थर लेके जाते है, कई लोग बोधि वृक्ष की फांदी पते डाली को ले जाते है. अपनी बुद्ध विहार के आंगण मे लगाते है,जिसका मतलब था कि वे अपने पूरे जीवन में बुद्ध की शिक्षाओं का पालन करेंगे। इसलीये बिहार सरकार बोधगया टेम्पल को पूर्ण प्रबंधन के लिए बौद्धों को सौंप दें। , और बौद्ध समुदाय को बौद्ध पवित्र स्थानों का निर्माण करने दें और बौद्धों को बुद्ध की दया का बदला चुकाने का मौका दें। इंटरनेशनल कोऑर्डिनेटर सुबोध कुमार बोध गया मोबाइल नंबर 6203365285. इन्होने बिहार सरकार को चेतावणी दी है. उनके साथ बिहार भीम आर्मी के अध्यक्ष अमर ज्योति- 9973704105,एवं बिहार महासचिव बलि बौद्ध.गया जिलाध्यक्ष सौरव राज. गया जिला प्रभारी रौशन गहलौत.एवं सामाजिक कार्यकर्ता उपेंद्र कुमार उपस्थित थे। महाबोधि महाविहार मुक्ती जन आंदोलन अब रुकने वाला नही.बिहार के भिम सैनिक अब जाग गये है.
सुबोध कुमार 6203365285.इंटरनेशनल कोऑर्डिनेटर बोध गया बिहार
